Swachata Par Nibandh Likha Hua |
Swachata Par Nibandh- स्वच्छता पर निबंध Hindi Mein Likha Hua | Swachhata Par Essay In Hindi: आज हम पढ़ते हैं स्वच्छता के प्रति जागरूकता निबंध। इसमें हम आपको बताएंगे कि स्वच्छता की आवश्यकता पर निबंध क्यों जरूरी है तथा, स्वच्छता का महत्व निबंध कैसे लिखा जाता है। (Swachhata per nibandh)
नमस्कार दोस्तों!
स्वच्छता पर निबंध – Swachhata Per Nibandh “Saaf Safai par Nibandh”
आज में स्वच्छता का निबंध आपके सामने पेश करना चाहूंगा।
और इस निबंध को लिखने से पहले मैंने अपने कमरे को साफ सुथरा किया है। ताकि मैं जो निबंध आपके सामने पेश कर रहा हूं। उसके अंदर मेरे विचार भी साफ-सुथरे हो।
तो आपसे गुजारिश है आपने इस निबंध को अच्छे तरीके से बिल्कुल अंत तक जरूर पढ़ना है।
Swachata Essay in Hindi 80 Words
स्वच्छता ही सेवा है, का अर्थ हम सभी समझते हैं परंतु इसे अपनाने की कोशिश बहुत कम लोग करते हैं। स्वच्छता के महत्व को जानते तो सभी हैं लेकिन इसे अपने जीवन में अपनाकर खुशहाल जीवन की ओर अग्रसर होने की कोशिश बहुत कम लोग करते हैं। एक स्वस्थ जीवन ही एक स्वस्थ राष्ट्र की कल्पना कर सकते हैं।
Read in English: Swachata Par Nibandh in English
Swachhata Nibandh 100 Shabd
स्वच्छता का अर्थ- सिर्फ यह नहीं है कि हम सिर्फ अपने आपको, अपने घर की साफ सफाई रखें। स्वच्छता का अर्थ यह है कि हम अपने मन, शरीर, अपना घर और आसपास के जगहो की भी साफ-सफाई करें।
स्वच्छता लोगों की दिनचर्या में शामिल होना चाहिए। गांधी जी ने कहा था “स्वच्छता ही सेवा है”। हमारे देश और हमारे जीवन में स्वच्छता की बहुत जरूरत है, क्यूंकि आज के समय में बहुत तरह की बीमारियाँ गंदगी की वजह से फ़ैल रही है। जिन्हें हम स्वच्छता पर ध्यान देकर दूर कर सकते है।
हमेशा से हम सुनते आए हैं कि हमारे जीवन में पवित्रता और स्वच्छता का होना अत्यंत आवश्यक है। क्योकि जहाँ साफ़ सफाई रहती है वहीं पर ईश्वर निवास करते हैं।
Swachhata Par Nibandh 250 Words
आज की भाग-दौड़ और तनाव भरे जीवन में ना तो हम खुद स्वच्छता पर ध्यान देते हैं और ना ही हम इसके महत्व को समझते हैं। नरेन्द्र मोदी जी ने जिस अभियान की शुरुआत 2 अक्तूबर 2014 को की थी वह गाँधी जी का सपना था।
स्वच्छ भारत अभियान केवल एक इंसान के जरिये सफल नहीं होगा। इसके लिए सभी भारतीय को अपने-अपने स्तर पर प्रयास करना होगा।
स्वच्छता हमारे शारीरिक और मानसिक सेहत पर भी असर डालता है।
Swachata Ke Bare Mein Nibandh 200 Words
हमारे जीवन में “स्वच्छता” सिर्फ एक शब्द नहीं होना चाहिए बल्कि स्वच्छता एक आदत होनी चाहिये। जीवन में स्वच्छता की एक अच्छी आदत अपने ह्दय के साथ-साथ समाज को भी स्वच्छ रखने में मदद करती है।
यदि हमें भविष्य में आने वाली युवा पीढ़ी को स्वच्छता के प्रति जागरूक करना है, उन्हें एक खुशहाल जीवन देना है और उन्हें कई तरह के रोगों से दूर रखना है तो हमें खुद से ही स्वच्छता की शुरुआत करनी होगी।
“स्वच्छता में ही ईश्वर का वास है” इसके अर्थ को हमें समझना होगा। सड़कों पर बिखरे हुए कचरे और बहते हुए गंदे नाले के पानी के परिणामस्वरूप बिमारियों का फैलाव बढता है। जिसके कारण अधिक से अधिक लोगों को बिमारियों का शिकार होना पड़ता है।
गांव की स्वच्छता पर निबंध 250 Shabdo me
विडंबना यह है कि हमारे देश में लगभग सभी लोगों को अस्वच्छता के परिणामों के बारे में पता है। स्वच्छता के महत्व के बारे में पता है, परंतु कोई भी इसे लेकर ज्यादा सजग नहीं है।
हम सभी जानते हैं कि स्वास्थ्य ही धन है। और स्वास्थ्य है तो सब कुछ है। इसलिए हमें अपने आप को स्वस्थ रखने और स्वस्थ जीवन के महत्व को ध्यान में रखते हुए स्वच्छता से कभी भी समझौता नहीं करना चाहिए।
हमे साफ-सफाई को अपने दैनिक जीवन में लागू करने का प्रयास करना चाहिए।
स्वच्छता जीवन का एक सबसे बड़ा गुण है जिसका आदर्श पालन हम सभी को अपने जीवन स्तर को बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के रूप में निश्चित तौर पर करना चाहिए।
स्वच्छता हमें शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और बौद्धिक रूप से स्वस्थ रखता है। अपनी व्यक्तिगत स्वच्छता के साथ-साथ पालतू पशु की स्वच्छता, पर्यावरण स्वच्छता, आसपास की सफाई के साथ कार्य स्थल की सफाई का ध्यान रखना चाहिए।
Swachhata ka Nibandh 300 Shabd
स्वच्छता एक आदत होनी चाहिये जिसे हम सभी को आवश्यक रूप से अपनाना चाहिए। अच्छे परिवेश और अच्छे संस्कार के लिए स्वच्छता काफी जरूरी है।
गंदगी कई तरह की खतरनाक और जानलेवा बीमारियों की उत्पत्ति का कारण होती हैं। कई तरह के बैक्टीरिया वायरस का जन्म अपने आसपास स्वच्छता ना रखने के कारण ही होता है।
खाना खाने से पहले हमें अपने हाथों को अच्छी तरह से धोना चाहिए। कपड़ों की साफ सफाई खुद रखनी चाहिए।
स्वच्छता रखने से जिंदगी में खुशहाली भी आती है तथा पर्यटन को भी बढ़ावा मिलता है। स्वच्छता रखने से देश का ही आर्थिक विकास होता है।
स्वच्छता हम सभी की सभ्यता को भी दर्शाती हैं इसलिए हम सभी को शपथ लेना चाहिए कि स्वच्छता रखकर अपने समाज को सभ्य बनाने का प्रयास करेंगे।
Swachata Par Nibandh in Hindi Mein 400 Words
स्वच्छता की एक अच्छी आदत मानव समुदाय का एक आवश्यक गुण है। स्वच्छता कई तरह की खतरनाक बीमारियों से बचाव का कुशलतम उपाय हैं। स्वच्छता एक खुशहाल और सुखी जीवन की आधारशिला है। स्वच्छता मनुष्य की शालीनता को भी दर्शाती है।
मनुष्य अपने घर की साफ सफाई रखकर अपने आस-पास समाज को गंदा करता है। और समाज को स्वच्छ रखना वह अपनी जिम्मेदारी नहीं समझता है।
हमें फल, सब्जियों, अनाज को हमेशा धोकर खाना खाना चाहिए। स्वच्छ कपड़े कीटाणु रहित होते हैं तथा बदबू भी नहीं देते है। हमारी वेशभूषा भी हमारी स्वच्छता संस्कृति को दर्शाती है।
आज हमारे देश भारत में गंदगी बहुत बढ़ गयी है। इसी वजह से हमारे पर्यावण और स्वास्थ्य पर इसका नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है।
अस्वच्छता के कारण रोग होते हैं, बीमारियों की उत्पत्ति होती है। यह बीमारियां मानव जीवन के विकास में बाधा डालती हैं। जबकि स्वच्छता मनुष्य के जीवन को संभव बनाते हुए उसके मन को शांत रखने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
“भगवान के बाद में स्वच्छता को ही महत्व दिया जाता है”
हमें बापू के सपने को आगे बढ़ाते हुए एक स्वच्छ भारत की उनकी परिकल्पना को सच कर दिखाना चाहिए। एक स्वच्छ वातावरण बच्चे के विकास के लिए काफी मायने रखता है। जब हम स्वच्छ रहेंगे तो हमारा शरीर भी स्वस्थ रहेगा।
Essay on Swachata in Hindi 500 Shabd
निरोगी और स्वस्थ जीवन के लिए अपने आस-पास के वातावरण को साफ रखना बेहद जरूरी है।
जिस तरह से हमें जीवन जीने के लिए रोटी, कपड़ा, मकान, स्वच्छ जल, स्वच्छ हवा, की आवश्यकता होती है और यह हमारी मूलभूत जरूरतें भी होती हैं। उसी प्रकार स्वच्छता भी उतनी ही आवश्यक होनी चाहिए।
स्वच्छता एक अच्छी आदत है, जो मनुष्य को मानसिक बौद्धिक और शारीरिक तीनों रूप से स्वस्थ रखती है। गंदगी में मक्खी, मच्छर, कीड़े-मकोड़े, कीटाणु, बदबू आदि का विकास होता है। इसलिए अपने घर के साथ-साथ आसपास की सफाई भी बेहद जरूरी है।
जिस तरह हम अपने आप को स्वस्थ, साफ-सुथरा रखते हैं उसी तरह हमें समाज को, और अपने आस-पास के वातावरण को भी स्वच्छ रखने को अपनी जिम्मेदारी समझनी चाहिए।
हम बिना सोचे समझे अपने घर के कूड़े-कचरे को ऐसे ही सड़कों पर, नदियों, नालों में औद्योगिक कचरा को बहा देते हैं, जिससे जल प्रदूषण होता है।
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स्वच्छ भारत अभियान में सभी का योगदान जरूरी है:
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने 2 अक्टूबर 2014 को स्वच्छ भारत के निर्माण हेतु ‘स्वच्छता अभियान’ को शुरू किया था। जिसमें हर एक की भागीदारी को तय किया गया था। ताकि प्रत्येक व्यक्ति साफ सफाई के महत्व को समझकर आसपास फैली गंदगी को दूर कर सके और एक निरोग और खुशहाल भारत बना सके।
स्वच्छता पर निबंध हिंदी में 600 Shabdo me
स्वच्छता को हमें अपने जीवन का एक महत्वपूर्ण विचार बनाना चाहिए। साफ-सफाई और स्वच्छता को ठीक से किए बिना हम एक खुशहाल जीवन नहीं जी सकते हैं। स्वच्छता का अर्थ सिर्फ यह नहीं है कि हम सिर्फ अपने शरीर की साफ-सफाई करें बल्कि स्वच्छता का अर्थ यह है कि हम अपने साथ-साथ अपने आजू-बाजू की भी साफ-सफाई करें।
स्वच्छता एक भक्ति की तरह होती है जिससे हम सभी को जरूर ही करना चाहिए। जिसका लाभ हमें ही मिलेगा।
हमें अपने चारों तरफ के वातावरण को स्वच्छ रखना चाहिए यह इसलिए बोला जाता है क्योंकि, मानव एक ऐसा प्राणी है जो बहुत ज्यादा मात्रा में कचरा इत्यादि के साथ-साथ प्रदूषण करता है इसलिए इसी प्राणी को जरूरत है, थोड़ा सा संभल ने कि अगर हम संभल जाते हैं तो हमारा वातावरण बहुत जल्द स्वस्थ हो जाएगा।
क्योंकि हम कुछ भी खाते हैं और खाने के बाद में बचा हुआ कचरा इधर-उधर ऐसे ही फेंक देते हैं कुछ लोग तो ऐसा कर ही देते हैं। वह इधर-उधर देखते हैं और सोचते हैं कि मुझे कोई नहीं देख रहा और मैं यहीं पर खुले में ही कचरा फेंक देता हूं ऐसा नहीं करना चाहिए।
अगर आज हम हिमालय की तरफ जाकर देखें तो वहां पर भी पहाड़ों पर बहुत सारा कचरा एकत्रित हो चुका है। जिसमें से स्टिक बहुत ज्यादा मात्रा में है आप सभी को तो पता ही है।
क्योंकि प्लास्टिक जो होता है वह जल्दी से गलता नहीं है क्योंकि प्लास्टिक की उम्र हम इंसानों से भी ज्यादा होती है। इसलिए जितना हो सके हमें खुद को और अपने इस प्यारे से वातावरण को स्वच्छ रखना है। केवल एक ही बात को ध्यान रखें “स्वच्छता ही सब कुछ है।”
साफ-सफाई कैसे रखे:
अपने घरों के आसपास कचरा ना फैलाएं और नियमित रूप से उसे साफ करने का प्रयास करें।
सड़कों पर कुछ भी खा-पीकर, फलों के छिलके पॉलिथीन आदि कभी भी नहीं फेंकना चाहिए और अगर कोई फेंके भी तो उसे स्वच्छता के बारे में बता कर उन्हें भी ऐसा करने से रोकना चाहिए। तथा ऐसी चीजों को डस्टबिन में डालने के लिए प्रेरित करना चाहिए।
हमें अपने आसपास नदियों नालों में पानी की निकासी की अच्छी व्यवस्था करनी चाहिए। जिससे कभी भी गंदा पानी ना जमा हो सके और डेंगू जैसी खतरनाक बीमारियों से बचा जा सके।
हमें स्वच्छता को अपनी व्यक्तिगत नैतिक जिम्मेदारी समझकर करना चाहिए दूसरों की जिम्मेदारी समझकर उसे नगर निगम आदि पर नहीं छोड़ देना चाहिए।
सड़कों पर कभी थूकना नहीं चाहिए।
हमे जानवरों का भी उचित रूप से प्रबंध करना चाहिए। ताकि वे खुले में मल मूत्र की क्रिया को ना कर सके और गंदगी ना फैला सके जिससे विनाशकारी कीटाणु ना पनप सकें।
अस्वच्छता से होने वाले नुकसान:
हम सभी जानते हैं कि आज अस्वच्छता राष्ट्र निर्माण में बाधा तो डालती है, साफ-सुथरे मानव जीवन में भी बाधा डालती है अस्वच्छता तरह-तरह की बीमारियों का कारक होती है।
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अस्वच्छता रहने पर मनुष्य कभी भी शांति से नहीं रह पाता है, खुशहाल नहीं रह पाता है उसे तरह-तरह की मानसिक, शारीरिक, सामाजिक और बौद्धिक बीमारियों का सामना करना पड़ता है।
निष्कर्ष:
इन सभी स्वच्छता के गुणों को ध्यान में रखते हुए हमें अपने जीवन में स्वच्छता को अपनाकर, साथ ही लोगों को भी जिम्मेदारियां तय करते हुए एक स्वस्थ और निरोगी रूपी राष्ट्र की ओर अग्रसर होते हुए बापू जी के सपनों को पूरा करना चाहिए। और एक स्वस्थ जीवन जीना चाहिए।
जब हमारा राष्ट्र स्वच्छ होगा तभी हमारा राष्ट्र स्वस्थ भी होगा और सभी लोग राष्ट्र निर्माण में अपनी भागीदारी दे पाएंगे। इसलिए हमें स्वछता की ओर एक कदम बढ़ा कर स्वच्छता मिशन में एक महत्वपूर्ण योगदान देना चाहिए और इसे पूर्ण करना चाहिए।
Swachhata Par Nibandh in Hindi 1500 Words
Swachata Par Nibandh |
भूमिका :
“स्वच्छता” सबसे पहले हमें इस शब्द का अर्थ अच्छी तरीके से पता होना चाहिए। उसके बाद ही हम स्वच्छता के बारे में कुछ बता सकतें हैं।
हमारा मन, हमारा शरीर और हमारे चारों तरफ बहुत सी चीजें होती हैं। उनको साफ सुथरा रखना ही स्वच्छता का अर्थ होता है।
स्वच्छता को मानव समुदाय के एक आवश्यक गुण के रूप में माना जाता है। विभिन्न प्रकार की होने वाली बीमारियों के बचाव का यह बिल्कुल सरल उपाय है।
जहाँ स्वच्छता वहाँ भगवान
स्वच्छता को जीवन की आधारशिला के रूप में देखा जाता है। इसमें मनुष्य की गरिमा, शालीनता, और आस्तिकता से रूबरू करवाया जाता है।
हमारा रोजमर्रा का जीवन साफ सफाई के साथ गुजरना चाहिए और हमें अपने से बड़ों और छोटों को साफ-सफाई का महत्व और इसके उद्देश्यों के बारे में बताना चाहिए।
जरा सुनिए, हमने यहां पर शब्द सीमा के आधार पर भी निबंध लिखें हैं जिनको आप नीचे दिए Links से पढ़ सकते हैं (अन्यथा आप नीचे स्क्रॉल करें, आपको यहां दिया निबंध पढ़ने को मिलेगा)-
स्वच्छता का महत्व हिंदी निबंध :
अगर हमें मानसिक, बौद्धिक, शारीरिक और सामाजिक रूप से स्वस्थ रहना है तो हमें स्वच्छता का पूरा ध्यान रखना होगा। (Swachata Par Nibandh)
हमें अपनी स्वच्छता को स्वयं करना चाहिए। भारतीय संस्कृति में बहुत सालों से यह मान्यता है कि जहां पर साफ-सफाई अच्छी होती है वहां पर लक्ष्मी जी का वास होता है।
इसके अलावा हमारे भारत के धर्म ग्रंथों में साफ सफाई और स्वच्छता से जुड़े हुए बहुत से निर्देश दिए गए हैं।
हमारे भारत की एक वास्तविकता यह भी है, कि यहां पर किसी अन्य स्थानों की अपेक्षा मंदिरों मैं अधिक गंदगी देखने को मिलती है।
जैसा कि आपको पता है। विभिन्न आयोजनों में धार्मिक स्थलों पर लाखों श्रद्धालु आते हैं। लेकिन स्वच्छता का महत्व पता न होने के कारण बहुत सारी बहुत बड़ी मात्रा में गंदगी फैलाते हैं।
तथा समय पर सफाई न होने के कारण यह गंदगी इतनी बढ़ जाती है, जिसका हम अनुमान भी नहीं लगा सकते।
हमारे शरीर के साथ-साथ हमारे मन और आत्मा के लिए स्वच्छता का होना बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है।
इसलिए स्वच्छता के साथ-साथ हमारे आचरण की शुद्धता में स्वच्छता का होना बहुत जरूरी है।
शुद्ध आचरण वाले मनुष्य का चेहरा तेजोमय होता है। जिसके कारण सभी लोग उस मनुष्य को आदर की दृष्टि से देखना पसंद करते हैं।
कथा। अपना सिर झुकाते हैं। तथा उनके सामने अपना सिर झुकाते हैं।
उस व्यक्ति के प्रति दूसरे मनुष्य के मन में अत्यंत श्रद्धा रहती है।
अगर कोई मनुष्य अपनी चारों और और खुद स्वस्थ रहता है तो उसके अंदर स्फूर्ति प्रशंसा। का आचरण बना रहता है।
स्वच्छता की आवश्यकता :
साफ और सुथरा रहना प्रत्येक मनुष्य का प्राकृतिक गुण होता है। मनुष्य अपने आसपास के क्षेत्र को साफ सुथरा और सुंदर रखना पसंद करता है।
मनुष्य अपने कार्यस्थल। पर कचरा और गंदगी फैलने से रोकता है।
क्योंकि अगर कोई मनुष्य अपने आसपास और अपने कार्यस्थल पर सफाई नहीं रखेगा तो बिच्छू, मच्छर, मक्खी, सांप और इनके अलावा और भी हानिकारक जीव जंतु अर्थात कीड़े मकोड़े आपके घर के साथ-साथ कार्यस्थल में प्रवेश कर जाएंगे।
और इनके प्रवेश करने से हमारे आसपास के क्षेत्र में रोग तथा और भी विषैले कीटाणु अपना घर बना लेंगे। जो कि हमारे लिए बहुत हानिकारक होंगे।
इसलिए सफाई का होना बहुत आवश्यक है।
एक बात और….!
मैं आपको बताना चाहूंगा बहुत सारे लोग कहते हैं कि सफाई का कार्य सरकारी एजेंसियों को सौंपा गया होता है। इसी कारण से वह खुद स्वच्छता का जिम्मा नहीं लेते हैं।और सारा कार्यभार सरकार पर छोड़ना ही समझदारी मानते हैं।
जिसके कारण चारों तरफ गंदगी फैलती ही जाती है। तथा यह गंदगी अपने साथ बहुत सारी बीमारियां पैदा करती जाती है।
स्वच्छता के उपाय :
अगर प्रत्येक मनुष्य अपने आसपास के क्षेत्र जैसे कि अपना घर अपना कार्य स्थल को साफ सुथरा रखेगा तो वह
रोगों के कीटाणुओं का जन्म नहीं होने देगा जिससे बीमारियां फैलने से रुकेगी।
अगर कोई मनुष्य अपने आसपास सफाई रखता है, तो इस बात में बिल्कुल सच्चाई है कि वह प्रशंसा और प्रसन्नता को भी प्राप्त कर लेता है।
आसपास के क्षेत्र की सफाई होने से मनुष्य अनेक प्रकार के रोगों से बचाता है। और वातावरण भी दूषित होने से बच जाता है।
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कुछ लोगों को स्वच्छता का महत्व पता नहीं होता। जिसके चलते वह जिन स्थानों पर निवास करते हैं वहां पर कूड़ा कचरा फैला रहता है।
ऐसे लोगों को अच्छे तरीके से पास बैठा कर समझाना चाहिए तथा कूड़े-कचरे इत्यादि से फैलने वाली बीमारियों से रूबरू करवाना चाहिए।
ताकि वह स्वच्छता के महत्व को समझें तथा अपने खान-पान और वेशभूषा में साफ-सफाई ला सकें।
क्योंकि खाने पीने की वस्तुओं का साफ सुथरा होना बहुत ही जरूरी है। इसलिए घर की रसोई या फिर इसलिए रसोई की वस्तुओं को भी साफ रखना चाहिए और उन्हें निरंतर इस्तेमाल करने के बाद में अच्छे तरीके से साफ करके रखना चाहिए।
हमें एक और बात का भी ध्यान रखना चाहिए। बाजार से लाया गया फल, सब्जी और अनाज को अच्छे तरीके से धो लेना चाहिए। और उसके बाद इनको प्रयोग में लाना चाहिए।
हमारा पीने का पानी साफ बर्तन में होना चाहिए तथा उस बर्तन को हमें ढक कर रखना चाहिए। और
जिस बर्तन से हम पानी निकालते हैं उसके एक अलग से डंडी होनी चाहिए ताकि हमारा हाथ पानी लेते समय बर्तन के पानी को छुए नहीं।
और हमारे कपड़े भी साफ-सुथरे होने चाहिए। गंदे कपड़ों में कीटाणुओं का निवास रहता है इसलिए हमें गंदे कपड़ों को पहनकर नहीं रखना चाहिए।
कपड़ों को साफ करने वाले साबुन भी अच्छे होने चाहिए ताकि कीटाणु कपड़ों में ना रहे।
और इसके अलावा हमारा शरीर, इसकी भी स्वच्छता का ध्यान हमें बहुत अच्छे तरीके से रखना चाहिए।
सप्ताह में कम से कम 2 बार साबुन से अवश्य नहाना चाहिए ताकि हमारे शरीर के साथ चिपके हुए कीटाणुओं को नष्ट किया जा सके।
सबसे मुख्य बात हमारे नाखून,
हमारे नाखून बढ़ते रहते हैं और अगर हम इनको काटते नहीं है तो यह बहुत ज्यादा बढ़ जाते हैं। और कभी-कभी हम अपने काम में इतने खोये होतें हैं कि हमें नाखूनों को काटने का समय नहीं मिलता।
और जब हमसे कोई कहता है कि आपने नाखून नहीं काटे तो उस समय हम यह कह कर टाल देते हैं कि “हमें टाइम नहीं मिला”
देखिए अगर आपके पास खुद के लिए टाइम नहीं है तो आप दूसरों को अपना टाइम कैसे दे पाएंगे।
इसलिए नाखूनों को काटना बहुत ही जरूरी है। और बाकी आप भी समझदार हो आपको पता है कि नाखून जो होते हैं यह अगर थोड़ा सा बढ़ जाए और बढ़ने के बाद में इनके अंदर मिट्टी जमना शुरू हो जाती है।
और जब हम खाना खाते हैं तो इसी मिट्टी के अंदर छिपे हुए कीटाणु हमारे पेट में चले जाते हैं जिसके कारण हमें बीमारियों का सामना करना पड़ता है।
दोस्तों! जिस प्रकार हमारे कमरे की सफाई का जिम्मा हमारे खुद पर होता है और हमारे घर की सफाई का जिम्मा हमारे घर के सभी सदस्यों का होता है।
उसी प्रकार घर के बाहर की सफाई का जिम्मा हमारे समाज का होना चाहिए।और हमें आसपास के क्षेत्र की मिलकर सफाई करनी चाहिए।
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अब, जैसे कि बहुत सारे लोग अपने घर की गंदगी को बाहर डाल देते हैं। उन्हें इस प्रकार से नहीं करना चाहिए।
घर की गंदगी को बाहर खुले में नहीं फेंकना चाहिए।
अगर आप घर की गंदगी को खुले में नहीं फेंकेंगे तो आपके आसपास का क्षेत्र अपने आप ही साफ सुथरा रहेगा।
हमारे प्रिय राष्ट्रपति जी की तरह प्रत्येक भारतीय को अपने आसपास की स्वच्छता के महत्व को समझकर उसका पूरा ध्यान रखना चाहिए।
इसके अलावा जो तत्व हमारी स्वच्छता के बाधक हैं उन पर हमें रोक लगा देनी चाहिए। क्योंकि इसका दुष्प्रभाव सभी मनुष्यों पर पड़ता है।
ऐसे तत्व हमारे समाज को बीमार और खराब स्वस्थ के अलावा और कुछ भी प्रदान नहीं करते हैं।
हमारे देश और समाज की स्वच्छता को बनाए रखने के लिए बहुत सी गैर-सरकारी और सरकारी संस्थाएं संचालित हैं।
जो समाज को स्वच्छ और स्वस्थ रहने के लिए प्रेरित करती हैं। और सभी अपनी भूमिका निभाती है।
हमारी जो नई सरकार आई है उसकी मुख्य प्राथमिकता भारत को स्वच्छ करने की है।
अस्वच्छता से होने वाली हानियां :
जब मनुष्य ऐसे स्थानों पर निवास करता है जिसके चारों ओर कचरा फैला रहता है और घरों के बाहर नालियों में गंदा पानी और उस पानी के अंदर बहुत सारी वस्तुएं पड़ी रहती हैं।
जिसके कारण वहां का माहौल बहुत ही बदबूदार हो जाता है। क्योंकि नालियों में खड़ा पानी और उसके अंदर पड़ी हुई वस्तुएं बदबू उत्पन्न करती हैं।
जिसके कारण अगर वहां से अगर कोई गुजरता है तो उसे बहुत सारी मुश्किलें होती है। और ऐसे स्थानों पर
अनेक प्रकार की संक्रमण बीमारियों का भी प्रकोप रहता है।
वहां की गंदगी से जल वायु, थल आदि पर बहुत ही विपरीत प्रभाव पड़ता है।
इनके अलावा आपने देखा होगा कि बाजार तथा मेलो आदि के अंदर मिलने वाला भोजन भी अच्छा नहीं होता है।
यहां पर मैं आपसे एक बात बोलना चाहूंगा।
मैं एक गांव में रहता हूं।
और जब मैं शहर जाता हूं तो शहर की गलियां मेरे को बिल्कुल पसंद नहीं है। क्योंकि वहां पर सफाई का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखा जाता।
यह बात बिल्कुल सच्ची है और अगर आप किसी बाजार की गली में सुबह के समय जाएंगे तो आपको वहां पर नालियों से निकाली हुई गंदगी और जलते हुए कागज और इन से निकलता हुआ काला दुआ दिख जाएगा।
अगर हम बाजार तथा मेलों से भोजन खाते हैं तो हमें उस भोजन का भी ख्याल रखना चाहिए। आजकल लोग ज्यादा बिक्री करने के लालच में साफ सफाई का बिल्कुल भी ध्यान नहीं रखते हैं।
और मेलों और बाजार में मिलने वाला खाना भोजन कीटाणुयुक्त होने के कारण हमें बहुत सारी बीमारियां दे जाता है।
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इसी प्रकार आधुनिक सभ्यता और हानिकारक उद्योग पूरी दुनिया को प्रदूषण के संकट की और ले जा रहे हैं।
पूरी दुनिया में उद्योगों के कारण प्रदूषण का संकट खड़ा हो रहा है।
हम भारतीय भी कहीं पर भी कचरा फेंक देते हैं। क्योंकि हम आदत से मजबूर होते हैं। और हम साफ-सफाई को भी गंभीरता से नहीं लेते हैं।
इसलिए हमें जितना जल्दी हो सके समझ जाना चाहिए कि अगर हम स्वच्छता पर ध्यान नहीं देंगे तो हम बहुत जल्द अनेक प्रकार के रोग हमें हमें न्योंता दे देंगे।
स्वच्छता के लिए नारे :
स्वच्छता के लिए बहुत सारे नारों का प्रयोग भी किया जाता है जिनमें से हम कुछ को यहां पर प्रदर्शित कर रहे हैं-
Swachata Ke Liye Nare |
1. स्वच्छता का दीप जलाएं, चारों ओर उजाला फैलाएं।
2. स्वच्छ भारत, स्वस्थ भारत।
3. स्वच्छता अभियान से जागरूकता लाएं, साफ सफाई करने में मिलकर हाथ बढ़ाएं।
4. आओ मिलजुलकर स्वच्छता अभियान के गीत गाए, स्वच्छता अभियान हो सफल मिलकर खुशियां मनाएं।
5. खतरों से भरा हो यदि रास्ता हमारा, सफाई से सुंदर बनेगा नगर न्यारा।
6. मैं शपथ लेता हूं कि मैं स्वयं स्वच्छता के प्रति सजग रहूंगा और उसके लिए समय दूंगा हर साल 100 घंटे अर्थात प्रत्येक सप्ताह 2 घंटे श्रम।
उपसंहार :
स्वच्छता रखना केवल हमारी सरकार का काम नहीं है। यह सभी का कर्तव्य है।
इसलिए सभी देशवासियों को स्वच्छता के प्रति मिलजुल कर हाथ बढ़ाना चाहिए। तथा सभी मनुष्यों को अपने समाज को साफ सुथरा रखना चाहिए।
और नदी, झीलों, तालाबों तथा झरनो के पानी को बिल्कुल गंदा नहीं करना चाहिए। उनमें ऐसी वस्तुएं नहीं फेंकना चाहिए जिनसे स्वच्छता के सफेद कपड़े पर दाग लग जाए।
और हमारी सरकार को भी वायु को दुषित करने वाले तत्वों पर रोक लगानी चाहिए। और हमें भी अधिक से अधिक पेड़-पौधे लगाने चाहिए।
ताकि हमारी वायु शुद्ध हो और हमें शुद्ध वायु मिल सके।
swachata par nibandh likhiye |
दोस्तों यहां पर कुछ बातें मैं आपसे बोलना चाहूंगा।
अगर आपको यह स्वच्छता पर निबंध अच्छा लगा तो इसे अपने अन्य दोस्तों और मित्रों के साथ तथा अपने परिवार और अपने रिश्तेदारों को भी जरूर दिखाएं।
क्योंकि अगर हम खुद स्वच्छता को जागरूक नहीं करेंगे तो स्वच्छता अपने आप जागरूक नहीं होने वाली है।
इसीलिए आप इस निबंध को शेयर कर सकते हैं तथा नीचे कमेंट बॉक्स में अपने विचार हमें बता सकते हैं।
धन्यवाद! आपने इतना समय दिया।
फिर मिलेंगे।
अलविदा…!
Nice essay i like it