Swachata Par Nibandh In Hindi 600 Words- स्वच्छता पर निबंध 600 शब्दों में: स्वच्छता पर निबंध 600 शब्दों का निबंध के अंदर स्वच्छता के बारे में हर एक जानकारी आपको यहां पर मिल जाएगी और इसके बाद आपको कोई भी स्वच्छता निबंध पढ़ने की आवश्यकता नहीं रहेगी।
आप सभी विद्यार्थियों को मेरा नमस्कार🙏:)
आज हम आपके लिए आये हैं 'स्वच्छता पर निबंध 600 शब्दों में' इस 600 के स्वच्छता के निबंध को अच्छे से पढ़ें।
आइये, पढ़ें!
अपने शरीर, वस्त्रों, घरों, गलियों, नालियों यहां तक कि अपने मोहल्लों और नगरों को स्वच्छ रखना हम सभी का दायित्व है।
व्यक्तिगत स्वच्छता- में अपने शरीर को स्नान आदि से स्वच्छ बनाना, घरों में झाड़ू-पोछा लगाना, स्नानघर तथा शौचालयों को विसंक्रामक पदार्थों द्वारा स्वच्छ रखना। घर और घर के सामने से बहने वाली नालियों की सफाई से, यह सभी व्यक्तिगत स्वच्छता के अंतर्गत आते हैं।
सार्वजनिक स्वच्छता- में मोहल्ले और नगर की स्वच्छता आती है जो प्राय: नगर पालिकाओं और ग्राम पंचायतों पर निर्भर रहती है। सार्वजनिक स्वच्छता भी व्यक्तिगत सहयोग के बिना पूर्ण नहीं हो सकती हैं तथा हम सभी को मिल कर नगर पालिका | ग्राम पंचायतो को स्वच्छ रखने का सहयोग देना चाहिए आदि |
मलिनता या गंदगी न केवल आंखों को बुरी लगती है, बल्कि इसका हमारे स्वास्थ्य से भी सीधा संबंध है। गंदगी रोगों को जन्म देती है। प्रदूषण की जननी है और हमारी असभ्यता की निशानी है।
अतः व्यक्तिगत और सार्वजनिक स्वच्छता बनाए रखने में योगदान करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है।
स्वच्छता के उपयुक्त प्रत्यक्ष लाभों के अतिरिक्त इसके कुछ अप्रत्यक्ष और दूरगामी लाभ भी हैं। सार्वजनिक स्वच्छता से व्यक्ति और शासन दोनों लाभान्वित होती हैं। बीमारियों पर होने वाले खर्चे में कमी आती है तथा स्वास्थ्य सेवाओं पर वह होने वाले सरकारी खर्च में भी कमी आती है। इस बचत को अन्य सेवाओं में भी उपयोग किया जा सकता है।
घर का कूड़ा-करकट गली या सड़क पर न फेंकें। उसे सफाईकर्मी के आने पर उसकी ठेला या वाहन में ही डालें। कूड़े-कचरे को नालियों में बहाएं। इससे नालियां अवरुद्ध हो जाती हैं। गंदा पानी सड़क पर बहने लगता है।
हमें यह अच्छे तरीके से समझ लेना चाहिए की साफ-सफाई का जिम्मा केवल हमारी सरकार का नहीं है।
हमें स्वयं को भी साफ सफाई में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए।
पॉलिथीन का बिल्कुल प्रयोग ना करें। यह गंदगी बढ़ाने वाली वस्तु तो है ही, पशुओं के लिए भी बहुत घातक है। घरों के शौचालयों की गंदगी नालियों में न बहाएं। खुले में शौच ना करें तथा बच्चों को नालियों व गलियों में शौच न करवाएं। नगरपालिका के सफाई कर्मियों का सहयोग करें।
इसके साथ गांवों में खुले में शौच करने की प्रथा को समाप्त करने के लिए लोगों को घरों में शौचालय बनवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उसके लिए आर्थिक सहायता भी प्रदान की जा रही है। इस अभियान में समाज के प्रत्येक वर्ग को पूरा सहयोग करना चाहिए।
आशा करते हैं हमारे द्वारा प्रस्तुत किया गया स्वच्छता पर निबंध आपके मन को भाया होगा।
अगर आपको स्वच्छता पर निबंध 600 शब्दों में अच्छा लगा तो इसे अपने अन्य दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें और हमें नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं कि Swachata Par Nibandh 600 Words in Hindi आपको कैसा लगा?
हमें आपकी टिप्पणी का इंतजार रहेगा। 😊
हम फिर मिलेंगे स्वच्छता पर निबंध के अगले आर्टिकल में जिसमें हम आपके लिए अलग-अलग शब्द सीमा के निबंध लेकर आएंगे।
चलिए, बहुत जल्द मुलाकात होगी हैं।
अलविदा।
आप सभी विद्यार्थियों को मेरा नमस्कार🙏:)
आज हम आपके लिए आये हैं 'स्वच्छता पर निबंध 600 शब्दों में' इस 600 के स्वच्छता के निबंध को अच्छे से पढ़ें।
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Swachata Par Nibandh In Hindi 600 Words- स्वच्छता पर निबंध 600 शब्दों में |
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Swachata Par Nibandh In Hindi 600 Words- स्वच्छता पर निबंध 600 शब्दों में
स्वच्छता क्या है?:
निरंतर प्रयोग में आने पर या वातावरण के प्रभाव से वस्तु या स्थान मलीन होता रहता है। धूल, पानी, धुप, कूड़ा-करकट की परत को साफ करना, धोना, मेल और गंदगी को हटाना ही स्वच्छता कहीं जाती है।अपने शरीर, वस्त्रों, घरों, गलियों, नालियों यहां तक कि अपने मोहल्लों और नगरों को स्वच्छ रखना हम सभी का दायित्व है।
स्वच्छता के प्रकार:
स्वच्छता को मोटे रूप में दो प्रकार से देखा जा सकता है- व्यक्तिगत स्वच्छता और सार्वजनिक स्वच्छता।व्यक्तिगत स्वच्छता- में अपने शरीर को स्नान आदि से स्वच्छ बनाना, घरों में झाड़ू-पोछा लगाना, स्नानघर तथा शौचालयों को विसंक्रामक पदार्थों द्वारा स्वच्छ रखना। घर और घर के सामने से बहने वाली नालियों की सफाई से, यह सभी व्यक्तिगत स्वच्छता के अंतर्गत आते हैं।
सार्वजनिक स्वच्छता- में मोहल्ले और नगर की स्वच्छता आती है जो प्राय: नगर पालिकाओं और ग्राम पंचायतों पर निर्भर रहती है। सार्वजनिक स्वच्छता भी व्यक्तिगत सहयोग के बिना पूर्ण नहीं हो सकती हैं तथा हम सभी को मिल कर नगर पालिका | ग्राम पंचायतो को स्वच्छ रखने का सहयोग देना चाहिए आदि |
स्वच्छता के लाभ:
'कहा गया है कि स्वच्छता ईश्वर को भी प्रिय है।' ईश्वर का कृपापात्र बनने की दृष्टि से ही नहीं अपितु अपने मानव जीवन को भी सुखी सुरक्षित और तनावमुक्त बनाए रखने के लिए भी स्वच्छता आवश्यक ही नहीं अनिवार्य है।मलिनता या गंदगी न केवल आंखों को बुरी लगती है, बल्कि इसका हमारे स्वास्थ्य से भी सीधा संबंध है। गंदगी रोगों को जन्म देती है। प्रदूषण की जननी है और हमारी असभ्यता की निशानी है।
अतः व्यक्तिगत और सार्वजनिक स्वच्छता बनाए रखने में योगदान करना प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है।
स्वच्छता के उपयुक्त प्रत्यक्ष लाभों के अतिरिक्त इसके कुछ अप्रत्यक्ष और दूरगामी लाभ भी हैं। सार्वजनिक स्वच्छता से व्यक्ति और शासन दोनों लाभान्वित होती हैं। बीमारियों पर होने वाले खर्चे में कमी आती है तथा स्वास्थ्य सेवाओं पर वह होने वाले सरकारी खर्च में भी कमी आती है। इस बचत को अन्य सेवाओं में भी उपयोग किया जा सकता है।
स्वच्छता: हमारा योगदान:
स्वच्छता केवल प्रशासनिक उपायों के बलबूते नहीं चल सकती। इसमें प्रत्येक नागरिक की सक्रिय भागीदारी परम आवश्यक होती है। हम अनेक प्रकार से स्वच्छता से योगदान कर सकते हैं, जो निम्नलिखित हो सकते हैं-घर का कूड़ा-करकट गली या सड़क पर न फेंकें। उसे सफाईकर्मी के आने पर उसकी ठेला या वाहन में ही डालें। कूड़े-कचरे को नालियों में बहाएं। इससे नालियां अवरुद्ध हो जाती हैं। गंदा पानी सड़क पर बहने लगता है।
हमें यह अच्छे तरीके से समझ लेना चाहिए की साफ-सफाई का जिम्मा केवल हमारी सरकार का नहीं है।
हमें स्वयं को भी साफ सफाई में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेना चाहिए।
पॉलिथीन का बिल्कुल प्रयोग ना करें। यह गंदगी बढ़ाने वाली वस्तु तो है ही, पशुओं के लिए भी बहुत घातक है। घरों के शौचालयों की गंदगी नालियों में न बहाएं। खुले में शौच ना करें तथा बच्चों को नालियों व गलियों में शौच न करवाएं। नगरपालिका के सफाई कर्मियों का सहयोग करें।
उपसंहार:
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान चलाया है। इसका प्रचार मीडिया के माध्यम से निरंतर किया जा रहा है। अनेक जनप्रतिनिधि, अधिकारी-कर्मचारी, सेलेब्रिटीज (प्रसिद्ध लोग) इसमें भाग ले रहें हैं। जनता को इसमें अपने स्तर से पूरा सहयोग देना चाहिए।इसके साथ गांवों में खुले में शौच करने की प्रथा को समाप्त करने के लिए लोगों को घरों में शौचालय बनवाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। उसके लिए आर्थिक सहायता भी प्रदान की जा रही है। इस अभियान में समाज के प्रत्येक वर्ग को पूरा सहयोग करना चाहिए।
आशा करते हैं हमारे द्वारा प्रस्तुत किया गया स्वच्छता पर निबंध आपके मन को भाया होगा।
अगर आपको स्वच्छता पर निबंध 600 शब्दों में अच्छा लगा तो इसे अपने अन्य दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें और हमें नीचे कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं कि Swachata Par Nibandh 600 Words in Hindi आपको कैसा लगा?
हमें आपकी टिप्पणी का इंतजार रहेगा। 😊
हम फिर मिलेंगे स्वच्छता पर निबंध के अगले आर्टिकल में जिसमें हम आपके लिए अलग-अलग शब्द सीमा के निबंध लेकर आएंगे।
चलिए, बहुत जल्द मुलाकात होगी हैं।
अलविदा।
😊आओ अन्य निबंध पढ़ें -
💁Read: Swachata Par Nibandh 80 Shabd Ka
💁Read: Swachata Par Nibandh 80 Shabd Ka
Kaphi akasha hai
जवाब देंहटाएंNice 👍👍👍👍👍🙏
thank you ji
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